नेटवर्क डाटा सिक्योरिटी क्या है? और यह कितना उपयोगी है?
वर्तमान समय में शायद ही कोई ऐसा ऑफिस हो जिसके कंप्यूटर आपस में नेट्वोर्किंग से न जुड़े हो नेटवर्किंग में कम्प्यूटरो का आपसी जुड़ाव और डाटा का तेजी से स्थानांतरण आम बात है| लेकिन इससे भी जरूरी बात यह है की आप ऐसे में डाटा की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाते है आज हम इसी से जुडी जानकारी जो आपको यह बताएँगे कि आप अपने नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए क्या क्या कर सकते है?
क्या है डाटा सुरक्षा
ऑफिस नेटवर्क में सूचनाओ को सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है फिर भले ही तीन च्ब् केबल से जुड़े हो या फिर हजारो पीसी का नेटवर्क दुनिया भर में फैला हो अगर आपका नेटवर्क किसी अनाधिकृत प्रवेश से सुरक्षित नहीं हैए तो कंपनी से लेकर कर्मचारियों की निजी पहचानो वाली सूचनाओए कारोबारी गुप्त सुचनाए सब कुछ जोखिम में हो सकती है इसलिए कंपनी की पीसी सुरक्षा तकनीकी रूप से ज्यादा जरूरत होती है?
डाटा सुरक्षा को लेकर किन किन बातो का रखे ध्यान
वास्तव में आधुनिक सॉफ्टवेर और हार्डवेयर उपकरण जटिल सुरक्षा के छोटे टुकड़े होते है ध्यान रहे इसमे सामूहिक नीतियों और जिम्मेदारियों सौंपना भी महत्वपूर्ण हैं ज्यादातर कंपनियां समझती हैं कि अगर वे इंटरनेट से जुडेंगी तो उन्हें किसी न किसी तरह की सुरक्षा की जरूरत पड़ेगीए ज्यादातर मामलों में ये वह नहीं जानती हैं वे कहां जाएं और क्या करें ? एक कंपनी, जो कि सिर्फ व्यक्तिगत कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाली है, उसे यह फैसला करना होगा कि उसे किस तरह की इंटरनेट एक्सेस की जरूरत है।
इस जरूरतों को पूरा करने के लिए क्या किया जाए ? ताकझांक करने वालों से डेटा को कैसे बचाया जाये | कंपनी के प्रशासकों को इस बात को लेकर भी काफी चिंता रहती है कि किस कर्मचारी को, व्यापारिक इकाई और ग्राहकों को किस स्तर तक की नेटवर्क में पैठ की अनुमति दी जाए ? अन्य शब्दों में नेटवर्क प्रबंधकों को यह निश्चित करना जरूरी है कि कंपनी के नेटवर्क पर कौन बाहर से प्रवेश कर सकता है और उसे क्या देखने की अनुमति दी जाए। कंपनी कर्मचारियों के लिए भी ऐसा निर्धारण जरूरी है यह फैसला करना भी जरूरी है कि कर्मचारी विशेष की इंटरनेट पर पैठ होनी चाहिए या नहीं ? कौन सा ब्राउजर और ई.मेल साफ््टवेयर का इस्तेमाल हो और साफ्टवेयर अपग्रेडस को स्थगित करने और डाउनलोड करने का कौन जिम्मेदार होगा?
किसको देनी चाहिए डाटा सुरक्षा का प्रबंधन
इन कामों की जिम्मेदारी सौंपना महत्वपूर्ण लक्ष्य है कुछ मामलों में कंपनी प्रशासक प्रोडक्ट अपडेट्स लगाने, वायरसों की स्कैनिंग करने, पासवर्डो का प्रबंध करने और अन्य सुरक्षा उपायों को मुहैया कराने के स्वयं जिम्मेदार होते हैं। अन्य मामलों में कर्मचारियों को ये जिम्मेदारियों सौंपी जा सकती हैं। कुछ मौंकों पर इन दोनों का तालमेल बनाया जाता हैं। यह बात ध्यान में रखें कि दूसरे कहां पर हैं।
कैसे बनाये सुरक्षा नीति –
एक बार जिम्मेदारियों सौंपने के बाद कंपनी मूल सुरक्षा नीति तैयार करना शूरू कर सकती है| व्यापार कैसे करें इसे पूरी तरह से जांचें, तमाम मामलों पर आपको संबोधन की जरूरत पड़ेगी जिसमें आपको हैरत भी हो सकती है| मूल से शूरूआत करें आपके डेटा सेंटर का दरवाजा खुला या बंद रखा जाए, यह फैसला करें कि गोपनीय ग्राहकों और कंपनी डेटा की कुंजी कौन बने? यह भी महत्वपूर्ण है दिमाग में हलचल मचाने वाले सवालों में शुरूआत करें, जैसे कि आपकी सूचना कितनी महत्वपूर्ण और बहुमूल्य है? अगर आपकी सूचना को चुरा लिया गया तो कंपनी का क्या होगा? सुरक्षा उपायों को तैयार करने और लागू कराने का जिम्मेदार कौन होगा? क्या आप बाहरी सलाहकार फर्म की सेवाएं लेंगे या फिर इस काम को खुद करेंगे? निचोड़ यह है कि जोखिम की स्थिति का निरंतर निर्धारण हो ।
कैसे करे भरोसा
इस मामले मे दिए जाने वाले उदाहरणो मे कर्मचारियो को रखने और निकालने के तरीके, कर्मचारी कैसे नेटवर्क एक्सेस प्राप्त करें, भले ही कर्मचारियो को पहचान बैज पहनने पड़े और भले ही विजिटर को हस्ताक्षर करने पड़े यह शामिल होता है । आपको यह भी जानना चाहिए कि आपका नेटवर्क कहां असुरक्षित है ।
सामान्य समस्या क्षेत्रों को जाने जैसे कि सुरक्षा मामलों के जानकार साफ्टवेयर का ध्यान रखें । कुछ मामलों मे सुरक्षा समस्याओं को तय करने में सामान्यतः साफ्टवेयर की अपडायलिंग और आईएटेस्ट पैच की स्थापना और डवलपिंग शामिल होती है इसके बावजूद अन्य समस्याओ का कारण डिफाल्ट फायर वॉल की स्थापना और कंफ्यूग्रेशन भी हो सकता है नेटवर्क के हमलावरों की पहली रणनीति डिफाल्ट सेटअप की तहकीकात करना होता है।
नेटवर्क को विद्वेषपूर्ण हैकर और आकस्मिक ताक झाक करने वालों का प्रतिरोधक बनने मे सक्षम होना चाहिए आपको यह मालूम होना चाहिए कि नेटवर्क हमला होने की जानकारी कितनी तेजी से देता है और आप इसका कितनी तेजी से जवाब देते है तमाम कंपनियां ग्राहक भरोसा खोने के डर से सुरक्षा उल्लंघन की बात को स्वीकार ही नही करती है आपकी इस बारे मे क्या नीति है? आप वायरस, हमलावर जावा और एक्टिव एक्स के हमलों से वेबसाइट का बचाव कैसे करेंगे? इसका सीधा सा समाधान वीआरएल ब्लाकिंग साफ्टवेयर का इस्तेमाल है इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए बिना ड्राइव के वर्क स्टेशन की स्थापना करनी चाहिए।
नेटवर्क फॉयरवाल द्वारा सुरक्षा- इंटरनेट का चलन और उपयोग दुनिया में काफी तेजी से बढ़ा है। इंटरनेट के जरिए आप दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक सेकंडों मे ही संपर्क कायम कर सकते है बातचीत , पढ़ाई आदि से लेकर कारोबार तक इंटरनेट पर चल रहा है। घर-घर से लेकर तमाम छोटे-बड़े औद्योगिक घरानो की अपनी साइटें है बल्कि अब तो शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र या विषय बचा हो जिस पर वेबसाइट नहीं बनी हुई है लेकिन इसी इंटरनेट का एक दूसरा जो महत्वपूर्ण पहलू है वह है सुरक्षा आज तेजी से बढ़ते नेटवर्कों को पुख्ता सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है आए दिन वेबसाइटो मे सेंध लगाकर डेटा चुराने,नष्ट कर देने,साइटों को नुकसान पहुंचाने जैसी खबरें आ रही है भ्ंबामते साइटों को नष्ट कर देते है इसलिए अब यह ज्ररूरी हो गया है कि यदि आपका अपना नेटवर्क या साइट है तो आप उसे पूरी तरह सुरक्षित रखें।
कितने प्रकार से डाटा चुराया जा सकता है|
नेटवर्क अथवा साइटों पर होने वाले हमलों को मुख्य रूप से तीन वर्गो में बांटा जा सकता है। घुसपैठ, सेवा से इंकार और सूचना की चोरी, घुसपैठ में कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से आपके कंप्यूटरों तक पहुंच कर उनका इस्तेमाल कर सकता है। सेवाओं से इंकार में, आपका कंप्यूटर काम करने से इंकार कर सकती है। सूचनाओं की चोरी में चोर आपके महत्वपूर्ण गोपनीय डेटाओं और जानकारियों को चुरा कर उनका दुरूपयोग कर सकता है। इसलिए साइटों और नेटवर्को की सुरक्षा चिंता का विषय है इंटरनेट से आप संबंध तोड़ लें, यह इसका हल नहीं है पिछले कुछ वर्षो में इसकी सुरक्षा के लिए फायरवाल तकनीक विकसित की गई है| यह हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनो रूपो मे है फायरवाल क्या होती है कैसे काम करती है|
आएये यहाँ हम फ़ायरवॉल के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करते है |
फायरवाल क्या होता है?
फायरवाल, साफ्टवेयर या हार्डवेयर दोनों पर आधारित एक ऐसी डिवाइस होती है जो दो नेटवर्कों के बीच नेटवर्क ट्रैफिक के प्रवाह को नियंत्रित कर सकती है इन दो नेटवर्कों में एक नेटवर्क आपका प्राइवेट हो सकता है और दूसरे इंटरनेट जैसा कोई भी सार्वजनिक नेटवर्क।
फ़ायरवॉल कैसे सुरक्षित रखता है आपके नेटवर्क कंप्यूटर को ?
फायरवाल आपके नेटवर्क को उन तत्वों या कहें कि घुसपैठियों से बचाती है जो नेटवर्क को भारी नुकसान पहुँचा सकता है इसके अलावा किस प्रकार के आंकड़ों या सूचनाओं का प्रवाह होता है इस पर नियंत्रण रखती है फायरवाल दो प्रकार की होती है एक-एप्लिकेशन फिल्टिरिंग और दूसरी-पैकेट फिल्टरिंग ।
फ़ायरवॉल की आवश्यकता क्यों ?
- यदि आपके पास दो या दो से अधिक नेटवर्क है और आप इन पर अपना नियंत्रण रखना चाहते है तब भी आपको फायरवाल की मदद लेनी पड़ेगी । और यदि आपके पास डब्ल्यूएएन(Wan) है, जो इंटरनेट को एक रीढ़ की तरह उपयोग करता है तब भी आपको अपने नेटवर्क की रक्षा के लिए फायरवाल का इस्तेमाल करना होगा ।
- अगर आप पर एक डेस्कटॉप कंप्यूटर से इंटरनेट सर्फ करते हैं तो आपको फायरवाल के प्रयोग की जरूरत पड़ सकती है ।
- आप इंटरनेट से एप्लिकेशनों का उपयोग करते है और यदि इन एप्लिकेशन में कुछ कमियां हैं, तो कोई भी बाहरी व्यक्ति |आपके कंप्यूटर तक पहुंच कर गोपनीय डेटाओं को चुरा सकता है और आपका काफी ज्यादा नुकसान कर सकता है।
- यदि आप किसी अनजान या गुमनाम व्यक्ति की फाइलें ले रहे हैं, या चैट कर रहे हैं तो हो सकता है अनजाने में आप कोई ऐसी फाइल ले ले जो लगातार एक पोर्ट पर काम करे और इसके माध्यम से संदेश भेजने वाला आपके कंप्यूटर से संपर्क स्थापित कर सकता है और उसे अपनी मर्जी से चला सकता है |
- इसलिए होम कंप्यूटरों के लिए नॉर्टोन पर्सनल फायरवाल ब्लैकआइस जोन अलार्म वायरस एमडी और Quick Heal पीसी फायरवाल जैसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
प्रॉक्सी फायरवाल (Proxy Server )
एप्लिकेशन-प्रॉक्सी फायरवाल का उपयोग प्रॉक्सी सर्वरों में किया जाता है यदि आप किसी बाहरी नेटवर्क से जुड़ना चाह रहे हैं तो आपको प्रॉक्सी सर्वर के जरिए जुड़ना चाहिए ।;प्रॉक्सी सर्वर एक मुख्या कंप्यूटर होता है जहा से क्लाइंट कंप्यूटर की सारी जानकारी और उनका उपयोग करने के लिए परमिशन दी गयी होती हैए और इन्टरनेट एक्सेस के लिए एक पोर्ट कॉन्फ़िगर किया जाता है |
कुछ निश्चित नियमों के आधार पर ही प्रॉक्सी फायरवाल आपको जुड़ने की अनुमति देगी, वरना रोक दिया जाएगा।
ये नियम उपभोक्ता के लॉग-इन नेम, सोर्स मशीन के आईपी पतों आदि के आधार पर बनते है उदाहरण के लिए आप एमपी३ और वीडियो फाइलो को रोक सकते है|
पैकेट-फिल्टिरिंग फायरवाल
पैकेट फिल्टरिंग फायरवाल पैकेट हेडर में सूचनाओं पर आधारित डेटाओं को नियंत्रित करती है इसे आप यूं भी समझ सकते हैं, जब डेटा नेटवर्क पर ट्रांसमिट होते हैं तो ये छोटे-छोटे पैकेटों के रूप में बंट जाते है ।
इनमें हर पैकेट का एक हेडर होता है और मूल डेटा का हिस्सा जिसे कंटेंट कहते हैं, इस हेडर में स्रोत,स्थान और क्रम में लगे पैकेटों की संख्या का ब्यौरा होता है।
एप्लिकेशन प्रॉक्सी फायरवाल एप्लिकेशन लेयर पर काम करती है जबकि पैकेट फिल्टरिंग फायरवाल नेटवर्क लेयर पर काम करती है इस प्रकार एप्लिकेशन प्रॉक्सी फायरवाल एप्लिकेशन विशिष्ट डेटाओं को रोक सकती है,जबकि पैकेट फिल्टरिंग फायरवाल नहीं रोक सकती।
एप्लिकेशन प्रॉक्सी फायरवाल भरोसेमंद और गैरभरोसेमंद नेटवर्कों के बीच होती है और इनके बीच किसी भी तरह के सीधे कनेक्शन की इजाजत पैकेट फिल्टरिंग फायरवाल ही देती है ।
क्या फायरवाल वायरस का पता लगा पाता है – फायरवाल से वायरस का पता नही चलता है फायरवाल तो सिर्फ हेडर इंफॉर्मेशन या फाइल को ही देखती है वायरस का पता लगाने के लिए सभी डेटा पैकेटो को मूल फाइल में होना चाहिए और फिर फाइल की जांच की जानी चाहिए तभी पता लगेगा कि इसमें वायरस है या नहीं। एक बेसिक फायरवाल फाइल डेटा के भीतर वायरस की जांच नही करती ।
इंटरनेट गेटवे और फायरवाल में क्या अंतर है – दो नेटवर्कों प्राइवेट और पब्लिक नेटवर्क के बीच इंटरफेस गेटवे यानी मुख्यद्वार की तरह होता है डेटा पैकेटो के लिए इस गेटवे के कोई नियम नही होते है ज्यादातर इंटरनेट गेटवे आपके प्राइवेट नेटवर्क पर मशीन को एक्सटर्नल आईपी देने के लिए एनएटी का उपयोग करते है।
हार्डवेयर फायरवाल और साफ्टवेयर फायरवाल में क्या अंतर है – साफ्टवेयर फायरवाल को काम करने के लिए पीसी की जरूरत होती है इसके लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होगी दो नेटवर्क इंटरफेस भी चाहिए होंगे इस प्रकार आपको फायरवाल के लिए आपरेटिंग सिस्टम इंस्टाल करना होगा और दो नेटवर्क इंटरफेस लगाने पड़ेगे जबकि हार्डवेयर फायरवाल के लिए अलग से मशीन की जरूरत नही पड़ती। यह केवल एक छोटा-सा बक्शा होता है जो आपके नेटवर्क में लग जाता है ।
फायरवाल कैसे काम करता है घ्
फायरवाल इंटर्नल कारपोरेट नेटवर्क को इंटरनेट से बचाती है इंटर्नल नेटवर्क सर्वरों के साथ काम करता है जो ई-मेल जैसी आंतरिक सेवाएं प्रदान करते है कारपोरेट डेटाबेस का संचालन करते है और प्रोग्रामों को चलाते है।
जब फायरवाल के अंदर कारपोरेट नेटवर्क से कोई व्यक्ति से जुड़ना चाहता है तो अनुरोध और डेटाओं को आंतरिक जांच मार्ग से गुजरना पड़ता है यह रूटर नेटवर्क और नेट के बीच आने-जाने वाले डेटा पैकेटों की जांच करता है पैकेट हेडर रूट को पैकेट के गंतव्य और स्रोत प्रोटोकॉल के प्रकार जैसी महत्वपूर्ण सूचनाएं यहां देता है ।
हेडर की सूचनाओं के आधार पर ही रूटर कुछ पैकेटों को आने या जाने की इजाजत देगा और बाकी दूसरे पैकेटों को रोक देगा रूटर चाहे तो कुछ-कुछ सेवाओं को भी बंद कर सकता है और न ही यह इंटरनेट स्थानों से आने वाले संदिग्ध पैकेटों को आने देगा।
निष्कर्ष
आज जितनी ही तेजी से इन्टरनेट का संचार तेजी से हो रहा है उतनी ही तेजी से हमारी निजता भी असुरक्षित हो रही है यहा पर जो भी जानकारी डी गयी है वह एक संसथान के लिए ज्यादा उपयोगी है क्युकी किसी आर्गेनाइजेशन के संचालन में सभी प्रकार की डाटा सुरक्षा को प्रबंधन करना एक जटिल समाश्या रहती है एक छोटी सी चूक से किसी मैनेजमेंट के लिए घातक साबित होता है द्य
आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी द्यइस ब्लॉग से जुड़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद् जय हिन्द द्य आपका दिन शुभ रहे |