History Of Computer And Introduction. कंप्यूटर का इतिहास और उसका परिचय ?

 कंप्यूटर  का परिचय- 

   आज कंप्यूटर हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखने लगा है, अब यह उपकरण केवल इंजिनियर और वैज्ञानिको तक ही सिमित नही नहीं है बल्कि इसका प्रचलन हर प्रकार के व्यक्तियों जैसे व्यवसायिक से लेकर कर्मचारियों तक स्कूल से लेकर बड़े बड़े यूनिवर्सिटी तक अध्यन से लेकर अध्यापन तक सब जगह हो रहा है | आजकल स्कूल तथा कॉलेज में कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में पढाया जा रहा है | कंप्यूटर का शब्द अंग्रेजी के “COMPUT” शब्द से बना है जिसका अर्थ है “गड़ना” करना | इसलिए कंप्यूटर को एक ऐसा यन्त्र माना गया है जो महत्वपूर्ण गणितीय  एवं तर्कपूर्ण कार्यो की संगणना को तेजी से पूर्ण करता है |
    आजकल कंप्यूटर हमारे दैनिक जीवन के हर क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित हो रहा है, इसके द्वारा आसानी से किसी भी सूचना को पढ़ सकते है, बहुत दूर रह रहे किसी व्यक्ति से संचार स्थापित  कर सकते है, तथा इसमें समस्त अपने महत्वपूर्ण कार्यो को सुरक्षित रख सकते है, ताकि इसकी आवस्यकता पड़ने पर उन सूचनाओ को दुबारा प्रयोग में लाया जा सके | कंप्यूटर हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान  रखता है यह सत्य है परन्तु कोई भी व्यक्ति इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं है, क्योकि कंप्यूटर  किसी प्रयोगकर्ता  निर्देशों के आधार पर ही कार्य करता है, इसका अर्थ है की कंप्यूटर स्वयं से कोई कार्य नहीं कर सकता, कंप्यूटर में अपना मस्तिस्क तो होता है परन्तु वह दिए गए निर्देशों के आधार पर ही परफॉर्म करता है, कंप्यूटर के मस्तिस्क को CPU(सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) कहा  जाता है, और CPU इन निर्देशों को अरिथेमटिक, लॉजिक, और कण्ट्रोल यूनिट के आधार पर परफॉर्म करता है |
  यह व्यक्ति की तरह बुद्धिमान नहीं होता है और न ही इसमें किसी मानव की तरह भावनाए नहीं होती है |  

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

          अगर हम कंप्यूटर के इतिहास के बारे में बात करे तो हम पाएंगे की यह एक बहुत पुराना यंत्र है इसे आज की स्थिति में आने के लिए कई साल लग गए है | कंप्यूटर जगत का सबसे पहला कंप्यूटर ABACUS माना जाता है, इसका निर्माण सन 3000 BC में हुआ था |
 
अतः ABACUS कंप्यूटर से माइक्रो कंप्यूटर तक की सरंचना में बहुत अंतर आया | कंप्यूटर तकनीकी दुनिया में और अधिक सूछ्म बनाने का काम अभी जारी है |
मित्रो इस ब्लॉग में हम जानेंगे की कंप्यूटर की पीढियों और उनमे आये बदलाव के बारे में |

Abacus-  

          यह सबसे पहले बनने वाली कंप्यूटिंग डिवाइस है यह एक सरल और सर्वप्रथम बनने वाली डिवाइस है जिसका प्रयोग जोड़, घटाओ, गुणा, और भाग करने के लिए किया जाता था, abacus का प्रयोग शिक्षा के लिए किया जाता था | 

First Electronic calculator:-

          सर्वप्रथम मकैनिकल काल्चुलातिंग मशीन का निर्माण 1642 में महान फ्रेंच गणितज्ञ वैज्ञानिक तथा दार्शनिक ब्नेलेज पास्कल ने  किया था |

Differential engine-

          डिफरेंशियल मशीन का निर्माण चार्ल्स बबेज ने किया था, इसका प्रयोग अलग अलग बीज गणितीय प्रकरणों को ठीक प्रकार  से हल करने के लिए किया जाता था  |

Analytical Engine:- 

          यह एक स्वचालित मशीन थी जिसका प्रयोग तीव्र गति से विभिन्न नम्बरों को जोड़ करने लिए किया जाता था इसमें तीव्र गति से नम्बरों के जोड़ने के अलावा इसके डाटा अथवा नम्बरों को संग्रह करने के लिए अपनी मेमोरी थी,  बबेज अपने समय में इससे अधिक शक्तिशाली मशीन बनाना चाहते थे परन्तु उनके समय में आज के मुकाबले की तकनीक उपलब्ध नहीं थी| एनालिटिकल मशीन जोड़ने के लिए 4 सेकंड   तथा घटाओ करने के लिए 6 सेकंड तक का समय लेता था |
 उस समय इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 170000 पौंड खर्च हुए थे |

Howard Aken  तथा IBM-Mark I –

           इस मशीन का निर्माण होवार्ड एकेन ने  सन 1930 में  किया था इस कंप्यूटर का नाम मार्क I था | यह पहली पूर्ण आटोमेटिक calculating  मशीन थी जिसे होवार्ड यूनिवर्सिटी के वर्करो के और  IBM कंप्यूटर के साथ मिलकर बनाया था, इसका निर्माण पंच कार्ड के प्रयोग में लाई जाने वाली विधि को ध्यान में रखकर बनाया गया था यानि यह कंप्यूटर पंच कार्ड में उपयोग में होने वाली तकनीक को ध्यान में रखकर बनाया गया था |
      यह आकार में 15 मीटर लम्बा तथा 8 फीट ऊँचा था इसमें तकरीबन 800 मीटर लम्बी तारो का प्रयोग किया गया था  | इसका मुख्या रूप से 1944 में प्रयोग में लाया गया |

UNIVAC -(यूनिवर्सल आटोमेटिक कंप्यूटर )

        इसका निर्माण ECKERT तथा Mokel ने किया था यह सही मायनो में प्रोफेशनल कंप्यूटर था | इस कंप्यूटर के निर्माण के बाद कंप्यूटर जगत में कंप्यूटर क निर्माण और अधिक तीर्व हो गया |

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